Thursday, September 13, 2007

वोह रात

वोह कुछ ऐसी पहली मुलाक़ात थी
एक बड़ी ही हसीन रात थी ..........

नज़रों से लिखी थी एक कहानी
आसूं बहे थे बनकर जब पानी
हूठों से छुआ था उनके हूठों ने
महक उठी थी मैं बनकर रात की रानी

वोह कुछ ऐसी पहली मुलाक़ात थी
एक बड़ी हसीन रात थी ...........

उस रात के आँचल में
हम समां गए
वो अपनी बाँहों की चादर उडा गए
आज होटों पर दिल की हर बात थी

वो कुछ ऐसी पहली मुलाक़ात थी
एक बड़ी ही हसीन रात थी .............

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